19 साल की लड़की और 23 लड़के बनारस मे 144 घंटों तक गैंगरेप!
11 अप्रैल 2025 की यह बात है भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र बनारस में 50वें दौरे पर आ रहे थे और इसके लिए तैयारी पूरी जोरों शोरों से चल रही थी बाबरपुर एयरपोर्ट पर जैसे ही उनका हवाई जहाज उतरता है तो सबसे पहले तीन ऑफिसर होते हैं जो उनके स्वागत के लिए खड़े हुए थे एक होते हैं डिवीजनल कमिशनर आईएएस कौशल राज शर्मा पुलिस कमिशनर आईपीएस मोहित अग्रवाल जिला अधिकारी एस राजलिंगम प्रधानमंत्री जी उनके पास पहुंचते हैं उनसे हाथ मिलाते हैं और हाथ मिलाने के बाद सबसे पहले प्रधानमंत्री के जुबान से एक ही बात निकलती है कि वो 19
साल की स्टूडेंट कैसी है अब उसकी तबीयत कैसी है आखिरकार हुआ क्या था उसके साथ जैसे ही तीनों ऑफिसरों ने दो आईएएस होते हैं एक आईपीएस अधिकारी होता है तीनों ने यह बात सुनी तो उनकी सांसे अटक जाती हैं सोचने पर मजबूर हो जाते हैं दरअसल ये बात ही इतनी बड़ी हो गई है कि प्रधानमंत्री तक बात पहुंच जाती है जाहिर सी बात है बात बड़ी ही थी कि भारत के प्रधानमंत्री ने इस लड़की के बारे में जानने की कोशिश की छोटी सी बात में थोड़ी सी देर में बताने की कोशिश की जाती है कि हां साहब अब उस लड़की की तबीयत ठीक है दरअसल उस लड़की के साथ जो
होता है वो बहुत भयानक होता है जिसको सुनने के बाद किसी के भी रोंगटे खड़े हो सकते हैं सोचने पर मजबूर हो सकता है दरअसल उस लड़की के साथ लगभग छह दिनों तक 144 घंटे तक उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया जाता है छह कैफे होते हैं और तीन होटल अलग-अलग जगहों पर 23 से ज्यादा लोग उसके साथ बलात्कार करते हैं जब इस बात की भनक मीडिया को पहुंचती है मीडिया मामला हाईलाइट कर देता है पुलिस की आंखें खुलती हैं और तब जाकर पता चलता है लोगों को कि आखिरकार बनारस में हुआ क्या है उसके बाद जांच पड़ताल की जाती है और जांच पड़ताल करने के बाद यह भी पता चलता है कि उस
लड़की को एक गंभीर बीमारी भी पाई जाती है आगे भविष्य में उसके साथ क्या होगा क्या नहीं होगा यह तो पता नहीं लेकिन 23 लोगों ने जो उसके साथ किया है वो वाकई अपने आप में बहुत भयानक है रुलाने वाला है दोस्तो आज की जो सच्ची घटना मैं आपको सुनाने जा रहा हूं यह सच्ची घटना है उत्तर प्रदेश के बनारस का एक थाना लगता है लालपुर पांडेपुर दरअसल यहां से एक व्यक्ति जो कि खजूरी का निवासी होता है और पेशे से एक ड्राइवर है उसके पास फोन पहुंचता है 4 अप्रैल 2025 को वो कहते हैं कि तुम्हारी बेटी हमें मिल गई
है एक काम करो आप थाने पर आ जाओ और अपनी बेटी को यहां से लेकर चले जाओ जैसे ही उस पिता को यह बात पता चलती है पिता अपनी पत्नी के साथ दौड़ता हुआ रोता हुआ बिलखता हुआ थाने पहुंच जाता है और थाने जाने के बाद अपनी ही बेटी को एक कमरे में देखता है उसके पास में जो लेडी कांस्टेबल हैं वो भी बैठी हुई हैं उनसे बातचीत करने की कोशिश कर रही हैं लेकिन लड़की बेसुद हालत में है उसको यह नहीं पता है वो कहां है कहां नहीं है उसके साथ कौन बात कर रहा है कौन बात नहीं कर रहा है पिता सामने खड़े हुए थे और लड़की को यह पता ही नहीं चल रहा था कि
उसके पापा उसके सामने खड़े हुए हैं बार-बार अपनी बेटी को पुचकारते हुए कहते हैं कि बेटा तु ठीक है लेकिन बेटी कोई रिस्पांस नहीं कर रही थी अब मां ने अपने सीने से लगाया उसको पुचकारा उसको दुलारा उससे बातचीत करने की कोशिश की लेकिन लड़की वो ऐसे देख रही थी कि जैसे कि कोई अनजान व्यक्ति उससे बातचीत कर रहे हैं हालांकि पुलिस वालों ने कहा कि इसे घर ले जाओ आराम कराओ और उसके बाद फिर बात करते हैं और बिल्कुल भी चिंता करने की जरूरत नहीं है हम इस मामले की जांच पड़ताल कर रहे हैं मां और बाप अपनी बेटी को लेकर यहां से चले
जाते हैं अभी तक उन्हें कुछ नहीं पता है कि आखिरकार बेटी के साथ क्या हुआ है क्या नहीं हुआ है जैसे ही खजूरी इलाके में वो अपनी बेटी को अपने घर पर ले जाते हैं उस बेटी को 48 घंटे के बाद यह पता चलता है कि आखिरकार क्या हुआ है क्या नहीं हुआ जैसे-जैसे आगे वक्त बढ़ रहा था वैसे-वैसे उस लड़की को कुछ बातें याद आ रही थी और जो भी पुरुषों को देखती थी चाहे वह उसका सगा भाई क्यों ना हो चाहे उसका पिता ही क्यों ना हो जैसे उन्हें देखती थी उसकी सांसे भड़ने लगती थी डरने लगती थी मां ने कहा कि अब यहां पर कोई भी आदमी नहीं आएगा पुरुष
नहीं आएगा सिर्फ मेरी बेटी के पास लड़कियां या औरतें महिलाएं ही आ सकती हैं पुरुष कोई नहीं आएगा अपनी बेटी को पुचकारती है दुलारती है सीने से लगाती है उसकी मां पूछती है कि बेटा आखिरकार तुम्हारे साथ क्या हुआ है तो तुम इतना घबराई हुई क्यों हो तुम इतनी परेशान क्यों हो दरअसल वो नशे की हालत में थी और नशा कुछ ज्यादा ही उसको दिया गया था ऐसा महसूस हो रहा था उसको देखकर वो रोते हुए कहती है कि मेरी क्लास में पढ़ने वाले चार लड़के हैं जिन्होंने उसको नशे की लत लगा दी नशे की आदत लगा दी मां मैं क्या करूं मां ने पुचकारते हुए पूछा कि परेशान मत हो जो भी
बात है मुझे बताओ दरअसल ये लड़की 29 मार्च 2025 को अपने घर से निकलते ही ये कहती है कि वो सहेली के पास जा रही है सहेली के पास जाने के बाद बाजार जाएगी बाजार से कुछ किताबें खरीद के लेके आएगी दो-चार घंटे में आ जाऊंगी ज्यादा परेशान मत होना मां-बाप को जितना बताया गया था बेटी ने जब जैसे ही जो वादा किया था उस वादे के मुताबिक जब बेटी वापस लौट कर नहीं आती है तो मां की परेशानी बढ़ जाती है चिंता बढ़ जाती है वो अपनी पति से कहती है कि देखो बेटी अभी तक नहीं आई है बाजार गई कह रही थी सहेली के पास जाऊंगी उसके बाद फिर वहां
से वापस लौट कर नहीं आती है फोन किया जाता है तो लड़की का नंबर बंद आ रहा था स्विच ऑफ आ रहा था अब संपर्क करें तो कैसे करें परिवार वाले परेशान हो जाते हैं सीधा पहुंच जाते हैं नजदीकी पुलिस स्टेशन वहां जाने के बाद कहते हैं कि साहब हमारी लड़की है 19 साल के आसपास उसकी उम्र है अभी वो ग्रेजुएट कर रही है हालांकि पढ़ने में ज्यादा होशियार नहीं है लेकिन स्पोर्ट्स कॉलेज में जाना चाहती है हम उसका वहीं पर एडमिशन कराना चाहते हैं हमारी बेटी को ढूंढ दीजिए उसका पता लगा लीजिए लेकिन जब पुलिस वालों ने ये बात सुनी तो पुलिस
वालों ने उसका हुलिया वगैरह उसके बारे में जानकारी जुटाई कहा कि परेशान मत हो हम उसे ढूंढ देंगे बिल्कुल टेंशन मत लो वो लड़की घर से 29 मार्च को निकली थी लेकिन 29 मार्च को वापस नहीं आती है 30 मार्च को नहीं आती है 31 मार्च को नहीं आती है 1 अप्रैल बीत जाता है 2 अप्रैल बीत जाता है 3 अप्रैल बीत जाता है 4 अप्रैल को पुलिस का ही फोन पहुंचता है आपकी बेटी आ गई है आकर इसे ले जाओ बेटी ने जो अपने मां-बाप को कहानी सुनाई थी वो वाकई बहुत भयानक होती है वो बताती है कि जैसे ही वो घर से निकलती है कुछ दूर चलने के बाद राज
विश्वकर्मा नाम का एक लड़का उसे मिल जाता है उस लड़के ने उसको नशीला पदार्थ खिलाया पिलाया इसके बाद उसे एक कमरे में लेके जाता है अपने ही एक दोस्त के साथ उसके साथ पूरी रात बलात्कार जैसी घटना को अंजाम देता है दिन निकलता है जो कि लंका स्थित एक कैफे होता है वहां पर लेके जाता है वहां ले जाने के बाद उसके साथ रात भर गंदा काम करता रहता है एक और उसका साथ देता है यहां से उसे छोड़ देता है लड़की यहां से निकल जाती है लेकिन नशे की हालत में थी बेसुद जैसी स्थिति में थी अगला दिन 30 मार्च आता है और समीर नाम का उसे एक लड़का
मिल जाता है जो उसका दोस्त भी बताया जाता है दरअसल वो अपने एक दोस्त के साथ उसे बाइक पे बिठाता है और बाइक पे बिठाने के बाद सीधा हाईवे की तरफ लेके जाता है वहां उसके साथ गंदा और घिनौना कृत्य करते हैं दोनों मिलने के बाद और बाद में जब उनका जी भर जाता है तो जी भरने के बाद नदेसर एक जगह लगती है वहां पर जाकर छोड़ देते हैं लड़की की हालत सही नहीं थी बेसुल जैसी स्थिति में थी अब ये अगली तारीख आ जाती है तारीख 31 मार्च की ये बात है आयुष नाम का एक लड़का मिल जाता है और आयुष नाम का लड़का उसको मलधईया एक सिगरा जगह लगती है
वहां पर एक कैफे होता है जिसका नाम कॉन्टिनेंटल कैफे होता है वहां लेकर जाता है लड़की को पहले तो नशा दिया जाता है क्योंकि वो नशे की तो आदि हो चुकी थी चाहे खाना मिले ना मिले लेकिन नशा मिल जाए तो वो ठीक रहे अब उसके बाद उसे नशा दे दिया जाता है यहां आयुष के साथ और कई सारे लड़के होते हैं जिसमें सोहेल दानिश अनमोल साजिद जहीर इन लोगों ने उसको बारी-बारी से पूरी रात उसके साथ बलात्कार जैसी घटना को अंजाम दिया वो लड़की रोती रही बिलखती रही लेकिन उसके रोने की उसके बिलखने की उसके परेशान होने की आवाजे इन लोगों के कानों
तक नहीं गूंज रही थी उनके पास सिर्फ उनको दिखाई दे रहा था तो वो लड़की दिखाई दे रही थी और उन हवश के दरिंदों ने उसके साथ गंदा काम किया और उसको यहां से जाने दिया कहा कि यह बात अगर किसी को पता चली तो देख लेना इसका अंजाम बहुत ही खराब होगा भयानक होगा लड़की यहां से निकलती है रास्ते में उसको 1 अप्रैल की बात है साजिद मिल जाता है साजिद कहता है उस लड़की को देखकर कि मैं आपको गर्ल्स हॉस्टल छोड़ दूंगा आप मेरे साथ बैठो उस लड़की को गर्ल्स हॉस्टल तो छोड़ा नहीं जाता है बल्कि एक होटल में लेके जाते हैं वहां जाकर तीन अलग-अलग लोग
उसके साथ गंदा और घिनौना कृत करते हैं लड़की परेशान थी क्योंकि जहां भी वो जाती थी खाने से पहले उसको जरूरत होती थी नशे की और नशे का लोगों ने फायदा उठाया और इसी बात पर उसके साथ गंदा गिनोना कृत करते रहे वो लड़की रोती रही बिलखती रही लेकिन उन पर कोई असर पड़ नहीं रहा था यहां से एक जगह लगती है औरंगाबाद उसका एक गोदाम लगता है वहां पर अमन और एक लड़का और होता है उन दोनों ने भी उसके साथ मुंह काला किया गंदा काम किया लेकिन उस लड़की की स्थिति कुछ ऐसी हो जाती है वो विरोध करने की स्थिति में थी नहीं बेसुध जैसी हालत में थी उसे
ये जरूर दिख रहा था कि कोई ना कोई है जो गलत काम कर रहा है उसके कुछ चेहरे ऐसे थे जो पहचाने हुए थे उसके बाद यहां से वो निकलती है कुछ आगे चलती है तो उसके बाद उसको इमरान मिल जाता है इमरान ने भी उसे नशीला पदार्थ दिया और जैसे ही उसने उसके साथ गंदा काम करने की कोशिश की तो लड़की जोर-जोर से चीखने लगती है चिल्लाने लगती है इमरान कहता है कि चीखने चिल्लाने की जरूरत नहीं है मैं तुम्हें छोड़ देता हूं वो यहां से सिगरा के पास में ही आईपी मॉल लगता है वहां पर छोड़ देता है और वहां से चला जाता है इसके बाद अगली तारीख आ जाती
है अब वो किसी तरीके से चलते-चलते जो ये आई आईपी मॉल के पास पहुंची ही थी 2 अप्रैल को आईपी मॉल से राज खान नाम का एक व्यक्ति होता है उसको हुकुल हुकुलगंज में लेके जाता है और एक घर की छत पर ले जाने के बाद उसके साथ वहां भी वैसा ही गंदा और घिनौरा कृत किया जाता है चाऊमीन में उसे नशीला पदार्थ मिलाया जाता है और नशीला पदार्थ मिलाने के बाद उसको दे दिया जाता है अब यहां से वो जाने की बात करने लगती है कि मुझे जाने दो मुझे घर जाना है लड़की को वो ले जाकर 80 घाट पर छोड़ देते हैं और 80 घाट पर जाकर वो लड़की वहां इधर-उधर
घूमती रहती है टहलती रहती है और 3 अप्रैल को दानिश नाम का एक लड़का अपने साथ लेके चला जाता है और जहां पर सोहेल शोएब और कुछ अन्य लड़कों ने उसके साथ गंदा घिनौना कृत किया साथ ही नशीला पदार्थ भी दिया और नशीला पदार्थ देने के बाद जब इनका जी भर जाता है तो इस लड़की को चौक घाट पर छोड़ देते हैं चौक घाट पर छोड़ने के बाद वहां से निकल जाते हैं यह सोचकर के यह बात किसी को पता नहीं चलेगा लड़की वैसे बेसुध है किसी से क्या बता पाएगी लेकिन लड़की को पुलिस वाले ढूंढ तो रहे थे लेकिन उतनी शिद्दत उतनी ताकत के साथ उतने
ईमानदारी के साथ शायद नहीं ढूंढ रहे थे जितनी ईमानदारी के साथ ढूंढना चाहिए था लड़की को परिवार के हवाले कर देते हैं परिवार वालों को लड़की कहानी सुनाती है और जो उसके साथ बीती हुई बात थी वो जब सुनाई जाती है तब परिवार वालों का रो-रो कर बुरा हाल हो जाता है सीधे पहुंच जाते हैं उसी पुलिस स्टेशन में जाने के बाद कहते हैं कि साहब 6 अप्रैल 2025 को हमारी बेटी के साथ तो बहुत ही गंदा घिनौना काम हुआ है आप इसमें एफआईआर दर्ज कर लीजिए पुलिस वालों ने मामले को शुरुआत में टालने की कोशिश की थी लेकिन मामला जब सोशल मीडिया पर वायरल
होने लगता है मीडिया ने इस मामले को बहुत प्रमुखता के साथ उठाया तब जाकर पुलिस की नींद टूट जाती है और मां की शिकायत के आधार पर 7 अप्रैल 2025 को आखिरकार 23 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया जाता है जिसमें 12 तो अज्ञात होते हैं 12 नामजद होते हैं और 11 अज्ञात होते हैं पुलिस ने अब ताबड़तोड़ दबिशन देना शुरू किया जैसे-जैसे मीडिया में लगातार खबरें चल रही थी वैसे-वैसे पुलिस पर दबाव बढ़ रहा था पुलिस ने आखिरकार जब 12 नामजद को पकड़ा गिरफ्तार किया और गिरफ्तार करने के बाद जब उनके मोबाइलों को कब्जे में लिया उनसे बातचीत करने की कोशिश की तो यह
भी पता चला कि ज्यादातर को नशे की हालत नशे की लत लगी हुई है लेकिन इससे सबसे बड़ी हैरान करने वाली बात एक यह थी और वो थी कि इन 12 जो लोग थे जो पकड़े जाते हैं उन बारहों के मोबाइलों में गंदी गंदी वीडियो थी लगभग 540 लड़कियों की कोई नंगी लड़की खड़ी हुई है तो किसी का वीडियो बना हुआ है 100 लड़कियां तो इसमें ऐसी लड़कियों के फोटो वीडियो ऐसे थे जो खुद स्वेच्छा से अपने फोटोग्राफ्स करवा रही थी बिल्कुल बिना कपड़ों के बिना उसके कोई रोक नहीं कोई टोक नहीं और वो अपने आप के अपने जिस्म की नुमाइश जैसे कर रहे थे बाद में
पता चलता है कि इन वीडियो का इन फोटो का इस्तेमाल तो कस्टमर को दिखाने के लिए उनको रिझाने के लिए किया जा रहा है अब पुलिस ने इस मामले की और जांच पड़ताल करना शुरू किया है तो पता चलता है कि इस पूरे घटनाक्रम का इस पूरे कालचक्र का जो मास्टरमाइंड है उसका नाम है अनमोल गुप्ता जो कि शिवपुर थाना क्षेत्र के मीरापुर बसही में एक कॉलोनी लगती है अशोकपुरम कॉलोनी वहां का वो निवासी होता है जब उसकी हिस्ट्री उसकी इतिहास खंगालने की जब कोशिश की जा रही थी पता चलता है कि वो साल 2018 में चाऊमीन का ठेला लगाया करता था गरीब स्थिति में होता है और चाउमीन का ठेला
लगाते लगाते वो उसका अपने कारोबार जब बढ़ने लगता है तो साल 2020 में सोनिया पोखरा के पास उसने एक छोटी सी दुकान खोली फास्ट फूड की जिसमें बर्गर चाऊमीन रोल इस तरह का सामान दिया करता था काम उसका बढ़ने लगा तो उसके बाद उसने स्मिथ स्कूल के पास एक और दुकान खोली और वहां से वह और आगे बढ़ता है सिगरा में उसने कॉन्टिनेंटल कैफे खोल लिया अब यहां पर कॉन्टिनेंटल कैफे में वो जो उसके पास वेटर होते थे शुरुआत में लड़के वेटर होते थे बाद में लड़कियों की भी डिमांड बढ़ने लगती है अब यहां पर शराब परोसी जाती थी यहां पर हुक्का परोसा जाता था जो भी कोई ग्राहक आता था कस्टमर आता था वो डिमांड करता था कि लड़कियों को बुलवाओ लड़कियों से हुक्का परोसवाओ लड़कियों से शराब दिलवाइए लड़कियों को अच्छी कीमत पर बुलाया जाने लगा लड़कियां यहां पर आने लगी अब लड़कियों को देखकर और लड़कियां भी यहां पर आने लगी अब उन लड़कियों को नशे की लत लग जाती है अब कई लड़कियां ऐसी होती थी जिनके पास अपने पैसे नहीं होते थे लेकिन नशा करना उनके लिए मजबूरी बन जाता है तब उन्होंने एक ऑफर दिया जिसका मेन ओनर होता है मालिक होता है अनमोल गुप्ता बाप का नाम शरद गुप्ता होता है उसने ऑफर दिया कि कोई
दिक्कत नहीं अगर किसी को नशा करना है तो कर सकता है बिना पैसे के बिल्कुल फ्री आराम से कोई दिक्कत नहीं कोई परेशानी नहीं लेकिन फ्री नशा उसको ही मिलेगा जो किसी ग्राहक के किसी कस्टमर के साथ जाने को तैयार हो जाएगी उसके साथ वक्त बिताएगी जैसा वो कहता है उसके साथ करने को तैयार हो जाएगी कई लड़कियां तैयार हो जाती हैं अब कोई शिकवा नहीं किसी की शिकायत नहीं यहां पर अनमोल गुप्ता को लगता है कि यह तो कारोबार बहुत अच्छा है कोई शिकवा नहीं कोई शिकायत नहीं इस हिसाब से फिर पांच लड़के तैयार किए जाते हैं पांच के बढ़ाकर फिर 15
हो जाते हैं उन्हें एक तरह से पार्टनर बना दिया जाता है एजेंट बना दिया जाता है उनका काम था कि लड़कों को अपने प्रेम जाल में फंसाएं प्रेम जाल में फंसाने के बाद उनको यहां तक लेके आएं लड़कियां जो यहां आएंगी तो नशे की आदि हो जाएंगी नशा उनके लिए जरूरी हो जाएगा जैसे ही नशा मांगेंगी उनसे कह दिया जाएगा कि आपको कुछ फोटोग्राफ्स कराने हैं नंगी तस्वीरें करवानी है किसी ग्राहक को रिझाने के लिए काम करना है सेक्स कराना है एक तरह से ये सेक्स का धंधा शुरू हो जाता है और अनमोल इसमें पारंगत हासिल कर लेता है 15 लड़कों के साथ
मिलकर ये जब इस तरह का काम कर रहा था तो ऐसे करते-करते संख्या बढ़ने लगती है यही कारण है कि 540 लड़कियों की नंगी तस्वीरें नंगी वीडियो होती हैं जिसमें 100 लड़कियां ऐसी होती हैं जो स्वेच्छा से अपने फोटोग्राफ्स लाने को तैयार थी कि उन्हें कोई ऐतराज नहीं कोई दिक्कत नहीं और यही फोटोग्राफ्स भेजे जा रहे थे यूपी दिल्ली बिहार तमिलनाडु पश्चिम बंगाल ऐसे जगह पर भेजे जा रहे थे जब पुलिस ने ये इनका हिस्ट्री खंगालने की कोशिश की इनके बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश की तो पता चलता है कि यूपी सहित छह ऐसे राज्य निकलते
हैं जहां के कस्टमरों को ये भेजे जा रहे थे उनकी लोकेशन के हिसाब से हालांकि ये दायरा अभी 23 का नहीं बल्कि और ज्यादा का बढ़ सकता है पुलिस इस मामले की जांच पड़ताल कर रही है खजूरी की रहने वाली वो लड़की जिसका सपना था कि वो स्पोर्ट्स में कुछ मुकाम हासिल करें देश का नाम रोशन करें वहां के लिए मेडल लेके आए लेकिन उस लड़की को चार उसके साथियों दोस्तों ने नशे की ऐसी आदत लगाई कि उस लड़की को नशे के चक्कर में आकर उसको एक तरह से सेक्स रैकेट के चक्कर में आ जाती है और उसके साथ लगातार गंदा घिनौना कृत हो रहा था जब उसने
कहानी अपने मां-बाप को बताई उसके बाद कहानी पुलिस तक पहुंची पुलिस इस मामले की जांच पड़ताल में जुट जाती है और इसमें अंदाजा यह लगाया जा रहा है कि कई बड़े-बड़े लोगों के चेहरे भी बेनकाब होने की सामने आ सकती है साथ ही जब इस लड़की का मेडिकल कराया जाता है तो मेडिकल में पता चलता है कि इसको हेपेटाइटिस बी जैसी बीमारी भी पाई जाती है जो गंभीर बीमारी होती है ऐसा भी अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह बीमारी शायद हो सकता है कि इसकी वजह से उन लड़कों में भी आई हो जिन लड़कों ने जिन लोगों ने इसके साथ गंदा और घिनौना कृत किया था आगे क्या होगा क्या
नहीं होगा लेकिन पुलिस ने और भी जब जांच पड़ताल करना शुरू किया तो पता चलता है कि जो अनमोल है उसके पिता है शरद गुप्ता साल 2022 में कैंट थाने में एफआईआर भी दर्ज होती है जेल भी जाता है और जब लगातार यहां से बेल रिजेक्ट हो रही थी तब हाई कोर्ट में जाकर अपील करते हैं आखिरकार कोशिश करते हैं जमानत मिल जाती है उन्हें शायद सुधरना चाहिए था जेल में रहने के बाद लेकिन बाप और बेटे दोनों कहीं से भी नहीं सुधरते हैं बाहर निकलने के बाद इस रूप को वो बड़ा रूप कर लेते हैं अगर कानून अपना काम ईमानदारी से करे कानून अगर अपने सख्ती
से पेश आए तो अनमोल गुप्ता जैसे लोग कभी ना पनपता और वह अपने बाद 15 लड़कों की जो उन्होंने जमात खड़ी कर दी थी जो जाकर किसी लड़कियों को अपने प्रेम जाल में फंसाते थे उन्हें नशे का आदि बनाते थे और उनके साथ गंदा घिनौना कृत कराते थे क्या ये चैन टूट जाएगी या कोई भी दाव पेच खेलकर कानून का अनमोल गुप्ता जैसे बदमाश लोग बाहर निकल के फिर से वही काम करेंगे यह तो खैर भविष्य के गर्व में छिपा है लेकिन जिस तरह से एक बेटी के साथ जो हुआ है वो वाकई बहुत भयानक हुआ है हालांकि जब से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने अपने
संसदीय दौरे पर जब आए थे 50वें दौरे पर बनारस में तब तीन बड़े ऑफिसरों से सवाल कर लिया था कि उस बेटी की तबीयत कैसी है उसके साथ आखिरकार हुआ क्या था तब जाकर लगता है कि ऑफिसर्स की नींद भी टूट जाती है और इस मामले की जांच पड़ताल बड़ी प्रमुखता के साथ होने लगती है हो सकता है कि अब प्रधानमंत्री जी के हस्तक्षेप के बाद इस बिटिया को न्याय मिल जाए और 546 जो बेटियां हैं उन लोगों के लिए उन बच्चों के लिए उनके परिवार वालों के लिए भी कहा गया कि आप आएंगे स्वेच्छा से जिसके साथ कोई गलत हुआ है वो आकर हमें बताएं लेकिन लोकलाज के चलते कौन आएगा कौन अपनी
इज्जत रुसवा करेगा ये तो खैर आप सब जानते ही हैं दोस्तों इस पूरे घटनाक्रम को सुनाने का उद्देश्य किसी को परेशान करना नहीं है किसी का दिल दुखाना नहीं है बल्कि आपको जागरूक करना है आपको सचेत करना है और कानून से यह अपील करनी है कि ऐसे भेड़ियों का अंत कर दिया जाए तो ज्यादा बेहतर होगा कभी किसी बहन बेटी के साथ ऐसा कम से कम घिनौना गंदा कृत तो ना होगा आप सब लोग अपना ख्याल रखें सुरक्षित रहें जय हिंद जय भारत